जींद
जींद की रहने वाली एक 16 वर्षीय किशोरी काशवी जैन ने अध्यात्म की राह अपना ली है। 10वीं तक पढ़ी काशवी अब मोह-माया से दूर रहेंगी, और त्याग कर तप और संयम की राह पर चलेंगी। उन्होंने फतेहाबाद के रतिया में के जैन स्थानक में अपने नए जीवन की ओर कदम बढ़ाया। वहीं, सिरसा में 5 युवतियों ने शिवलिंग पर वरमाला डालकर अपना जीवन मानव सेवा और प्रभु को समर्पित कर दिया है। उन्होंने सांसारिक मोह माया को त्याग कर ब्रह्मकुमारीज का जीवन अपना लिया है। काशवी के पिता अमित जैन सरकारी विभाग में कार्यरत हैं। वहीं, उनकी मां सीमा एक गृहिणी हैं। पिता का कहना है उनकी पुत्री काशवी जैन दीक्षा के लिए पिछले 2 साल से वैरागन की तरह रह रही है। अक्सर वह जैन समाज के कार्यक्रम में भाग लेती थी। वहीं से उसके मन में जैन धर्म के प्रति अगाध आस्था होती चली गई। काशवी के एक भाई और एक बहन है। अपनी नई शुरुआत के बारे में काशवी का कहना है कि बचपन से ही उनका जैन दीक्षा अंगीकार करने का मन था। अब उनकी इच्छा पूरी हो रही है। इसके लिए उन्होंने जैन साध्वी शिवा के चरणों में वैरागन का मार्ग अपनाया है।5 साल तक सेवा केंद्र में रहने के दौरान संस्थान की दिनचर्या और गाइडलाइन का पालन करना होता है। इस दौरान बहनों का आचरण, चाल-चलन, स्वभाव और व्यवहार परखा जाता है। इसके बाद ट्रायल के लिए मुख्यालय शांतिवन के लिए माता-पिता को अनुमति पत्र भेजा जाता है।