हरियाणा में किसान महापंचायत, सीमेंट बैरिकेडिंग से पंजाब बॉर्डर सील

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जींद

जींद में किसान संगठनों ने आज किसान-मजदूर महापंचायत बुलाई है। यह महापंचायत उचाना की अतिरिक्त नई अनाज मंडी में होगी। इसके लिए किसान पहुंचने शुरू हो गए हैं। अनाज मंडी के गेट पर पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इससे पहले, शनिवार-रविवार रात पुलिस ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर को 2 जगह पर कैथल में गुहला चीका और संगतपुरा के पास सीमेंट की बैरिकेडिंग लगाकर पूरी तरह बंद कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने दावा किया है कि महापंचायत में हरियाणा के अलावा पंजाब से 50 हजार किसान आएंगे। हमें पंचायत के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं। आचार संहिता किसानों पर लागू नहीं होती। उचाना थाना SHO पवन कुमार ने बताया कि महापंचायत को लेकर किसानों की तरफ से परमिशन नहीं ली गई है, इसलिए चीका में अधिकारियों के आदेश पर बॉर्डर बंद किया गया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता महेंद्र सिंह मांडी ने कहा कि यह किसान-मजदूरों का सम्मेलन है। भाजपा ने वादा किया था कि युवाओं को 2 करोड़ रोजगार दिया जाएगा। किसानों की आमदनी दोगुनी की जाएगी। मोदी सरकार ने सिर्फ 2 लाख रोजगार दिए हैं। स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नही की गई। गेहूं को तैयार करने में 3600 रुपए खर्च आता है। जबकि भाव 2300 रुपए क्विंटल मिलता है। किसानों को मारने की नीतियां हैं। भाजपा सरकार ने आंदोलन में शहीद हुए किसानों के लिए लोकसभा व राज्यसभा में 2 मिनट का मौन भी नही किया। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि उचाना की किसान पंचायत को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी हैं। बड़ी संख्या में किसान यहां जुटेंगे। हमारी पंचायत का एकमात्र उद्देश्य यह है कि पिछले 10 सालों में किसान-मजदूर और बेरोजगारों के ऊपर जुल्म और अत्याचार करने वाली भारतीय जनता पार्टी को सबक कैसे सिखाया जाए। यही उनकी पंचायत का एजेंडा है। किसानों को मजदूरों को एकजुट करना और उनके ऊपर हुई ज्यादतियों को याद दिलाना पंचायत का उद्देश्य है। हम बिल्कुल क्लियर कर रहे हैं कि हम न तो किसी राजनीतिक पार्टी को सपोर्ट करते हैं और न किसी कैंडिडेट के लिए वोट की अपील करते हैं। किसानों की MSP कानून की डिमांड है। किसान निश्चिंत होकर पंचायत में आएं।

 

 

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