चंडीगढ़
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई पर सफाई दी है। उन्होंने दिल्ली में कहा है कि अरे ये तो पुराना केस है। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। जिस एफआईआर में मेरा नाम है, वह पुराना मामला है। इसके बाद वह दूसरे सवालों को देने से बचते हुए नजर आए। दरअसल, ED ने वीरवार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और MGF डेवलपमेंट लिमिटेड सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 834 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की थी। आरोप है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कंपनियों ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (DTCP) के तत्कालीन डायरेक्टर त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर सस्ते दामों पर जमीन हथिया ली थी। इसकी वजह से न केवल लोगों को, बल्कि सरकार को भी नुकसान हुआ था। 6 साल पहले गुड़गांव में 1,417 एकड़ भूमि के अधिग्रहण में भ्रष्टाचार के आरोप में CBI ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ केस दर्ज किया था। केस दर्ज करने के बाद CBI ने हुड्डा के रोहतक स्थित घर के अलावा दिल्ली, गुड़गांव, चंडीगढ़ और मोहाली में विभिन्न बिल्डर्स के 20 से ज्यादा परिसरों में छापे मारे थे। गुड़गांव के सेक्टर 58 से 63 और 65 से 67 में भूमि अधिग्रहण में हुई अनियमितता की जांच सुप्रीम कोर्ट ने 1 नवंबर, 2017 को CBI को सौंपी थी। केस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स ईमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।