करनाल
विदित हो कि गांव कुटेल निवासी एएसआई संजीव दो जून को खाना खाकर रात को करीब आठ बजे सैर करने के लिए घर से निकला था। एएसआई का घर गांव से कुछ दूरी पर डेरे पर है। जब वह सड़क पर सैर कर रहा था तो बाइक पर सवार दो व्यक्ति आए और उन्होंने एएसआई पर गोलियां चला दी, जिसमें एक गोली एएसआई के सिर व दूसरी गोली कमर पर लगी। इसके बाद शूटर मौके से फरार हो गए। गोलियों की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। आनन-फानन एएसआई को घायल अवस्था में शहर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे तो वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। एएसआई संजीव के पिता व भाई की पहले ही मौत को चुकी थी। ऐसे में एएसआई ही अपने व भाई के बच्चों को पालन पोषण कर रहा था। उसका बेटा कनाडा में रहता है। उसने ही वीरवार को कनाडा से आकर अपने पिता का अंतिम संस्कार किया था।
पुलिस वारदात के बाद से ही कई संभावनाओं पर कार्य कर रही थी। जिन लोगों को एएसआई संजीव ने गिरफ्तार किया था या फिर जिन मामलों की जांच कर रहा था, उनसे संबंधित अपराधियों का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा था, लेकिन इसी बीच पुलिस को एक ऐसा सुराग मिला, जिससे पुलिस के शक की सूई उसके रिश्तेदार की तरफ घूमी। जब जांच शुरू हुई वारदात की परतें खुलती रहीं और दो आरोपियों को काबू करने में सफलता हाथ लगी। अलीगढ़ निवासी दो शूटर मोहित व तुषार व उनके एक साथी हिरेंद्र, जिसने शूटरों की मृतक के जीजा से डील कराई थी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि तीनों को गिरफ्तार कर जब उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल लाया जा रहा था तो शूटर मोहित ने करनाल में साई मंदिर के पास पुलिस पकड़ से भागने की कोशिश की। उसे पकड़ने के लिए उसके पैरों पर गोली मारी गई।