दो बदमाशों ने फर्जी DSP बनकर सरपंचो को ठगा, पुलिस ने किया गिफ्तार

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नूंह

नूंह साइबर थाना पुलिस ने दो ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो नकली डीएसपी बनकर सरपंच और पूर्व सरपंचों को झांसे में लेकर उनसे ठगी करते थे। पकड़े गए आरोपियों की पहचान खालिद पुत्र बदरुद्दीन निवासी खेड़ली थाना नगीना और आकिल पुत्र जानू निवासी ओथा थाना पिनंगवा जिला नूंह के रूप में हुई है। नूंह साइबर थाना पुलिस ने एक पूर्व सरपंच की शिकायत पर दो दिन पहले ही इस संदर्भ में केस दर्ज किया था। मुख्य आरोपी को एक दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है जबकि उसके साथी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। रीठट गांव के पूर्व सरपंच दिलबाग ने साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि दो-तीन दिन पहले मोबाइल पर एक फोन आया। फोन करने वाले ने अपना परिचय डीएसपी शमशेर के रूप कराया। दिलबाग ने बताया कि डीएसपी शमशेर उनके जानकार थे, लेकिन लंबे अरसे से डीएसपी से बातचीत नहीं हुई थी। जिसके चलते डीएसपी का मोबाइल नंबर भी अब उनके पास नहीं था।

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पीड़ित दिलबाग का कहना है कि जिस नंबर से फोन आया। उसकी जांच पड़ताल की तो व्हाट्सएप प्रोफाइल पर डीएसपी शमशेर सिंह की ड्रेस में फोटो मिली। ट्रूकॉलर पर भी डीएसपी शमशेर का ही नाम सामने आया। एक दिन बाद फिर उसी नंबर से फोन आया। उस दौरान डीएसपी बने व्यक्ति ने अचानक एक पारिवारिक समस्या बताते हुए 95 हजार रुपए की मांग की। साथ ही एसबीआई बैंक खाता भी बताया। दिलबाग ने झांसे में आकर छोटे भाई से फोन पे के माध्यम से बताए गए खाते में 95 हजार रुपए ट्रांसफर करा दिए। दूसरे दिन फिर डीएसपी बन फोन कर दोबारा पैसों की मांग की तो उन्हें एहसास हुआ कि डीएसपी शमशेर के नाम पर उनसे ठगी हो गई है। जिस नंबर से डीएसपी बन मोबाइल पर फोन आया था। पीड़ित दिलबाग ने पुलिस को वह नम्बर,रुपए ट्रांसफर के स्क्रीनशॉट व व्हाट्सएप चैटिंग और ट्रूकॉलर आदि सबूत उपलब्ध करा दिए। नूंह साइबर थाना पुलिस ने भी इस संदर्भ में त्वरित कार्रवाई करते हुए जाल बिछाकर दो आरोपियों को काबू कर लिया।

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